April 17, 2025

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गलतापीठ में अव्यवस्थाओं पर रामानुज धर्माचार्यों और श्रद्धालुओं ने जताई नाराजगी

  • हाईकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन ने जब से गलता पीठ को टेक ऑवर किया है, तब से ना तो पुजारियों को वेतन मिल रहा और ना ही यहां नियमित साफ-सफाई हो रही
  • धर्माचार्यों ने कहा कि, ‘‘गलता तीर्थ पर हालात ऐसे बिगड़े हैं कि करीब ५२५ वर्ष प्राचीन गलतातीर्थ पर विधिवत उत्सव भी अब नहीं हो रहे, फिर भी सरकार आंखें मूंदे बैठी है’’
  • रामानुजीय आचार्यों ने सामूहिक रूप से कहा कि ‘‘हमारी प्राचीन श्रीसंप्रदाय की परंपरा पर पूर्व में भी वर्ष २०१६ में कब्जा करने का प्रयास किया गया था। उस समय के तत्कालीन प्रशासन ने ऐसे अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने पर पाबंद लगाई गई थी। सरकार इस बात पर ध्यान दे कि गलता पीठ का विषय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार पर गतिरोध लगाने का प्रयास करना चाहिए।’’

-कार्यालय संवाददाता-
जयपुर । श्री रामानुज संप्रदाय के अति प्राचीन श्री गलता पीठ को लेकर शुक्रवार को जयपुर में श्री रामानुज संप्रदाय के विशिष्ठ धर्माचार्यों और भक्तों के बीच बैठक संपन्न हुई। जिसमें वर्तमान प्राशासनिक व्यवस्था को लेकर नाराजगी व्यक्त की तथा सरकार के द्वारा विधिवत संपन्न होने वाले उत्सवों में भी अनदेखी की जा रही है। इस कारण करीब ५२५ वर्ष प्राचीन गलता तीर्थ की परंपरा वर्तमान में धराशायी होती दिख रही है।
धर्माचार्यों ने कहा कि सनातन धर्म पर सनातन धर्म की हितैषी सरकार ही ध्यान नहीं दे रही है, ये विडम्बना है। गलता तीर्थ में अभी तक पुजारियों को वेतन भी नहीं मिल रहा है एवं सा़फ-सफाई से लेकर विद्याध्ययन करने वाले विद्यार्थीयों के भी अध्ययन में बाधा आ रही है। बगैर आचार्य के किसी भी कर्मचारी या बालकों के साथ कोई घटना होती है तो उसकी जिम्मेदार क्या सरकार लेगी?
रामानुजीय आचार्यों ने सामूहिक रूप से कहा कि हमारी प्राचीन श्रीसंप्रदाय की परंपरा पर पूर्व में भी वर्ष २०१६ में कब्जा करने का प्रयास किया गया था। उस समय के तत्कालीन प्रशासन ने ऐसे अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने पर पाबंद लगाई गई थी। सरकार इस बात पर ध्यान दे कि गलता पीठ का विषय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार पर गतिरोध लगाने का प्रयास करना चाहिए।
इस मौ़के पर नागोरीया पीठाधीश्वर श्रीविष्णु प्रपन्नाचार्य, स्वामी rवेंकटेशप्रपनाचार्य, स्वामी त्रिविक्रमाचर्या, स्वामी नारायणाचार्य, स्वामी नारायणाचार्य बस्सी, स्वामी राम प्रपन्नाचार्य, सुदर्शनाचार्य, बिहारी लाल शर्मा, रामानुज अग्रवाल, द्वारका सरपंच, कृष्ण कुमार रावत, नरसिंह मंदिर के नारायण दास, डॉ. नवल अग्रवाल, डॉ. लीला अग्रवाल, श्याम सुंदर भूतड़ा, ओम प्रकाश चौधरी और राम प्रकाश चौधरी के साथ अन्य कई श्रद्धालु मौजूद थे।

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