पहली बार किसी भारतीय का हुआ चुनाव; हाल ही में हुए चुनावों में 28 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संस्था
जर्मन चांसलर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति एवं वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस हैं वर्ल्ड हेल्थ समिट के संरक्षक, डॉ टेड्रॉस, डॉ एक्सल प्रीस –वर्ल्ड हेल्थ समिट के अध्यक्ष एवं 100 से अधिक देशों के क़रीब 1500 से अधिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में डॉ तोमर को दिया प्रेसीडेंसी का बैटन
डॉ टेड्रॉस ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का कोविड को लेके विश्व भर में किए गए सहयोग के लिए सराहना की, एवं बताया कि उनकी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा रखा गया उनका नाम “तुलसी भाई” उन्हें आज भी याद हैं
जयपुर, 14 अक्टूबर। भारत के शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी में, निम्स विश्वविद्यालय राजस्थान के संस्थापक प्रो. (डॉ.) बलवीर एस. तोमर को वर्ल्ड हेल्थ समिट के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति न केवल प्रो. तोमर के असाधारण नेतृत्व और योगदान को मान्यता देती है, बल्कि निम्स विश्वविद्यालय और पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है। यह पहली बार है जब कोई भारतीय वर्ल्ड हेल्थ समिट के वैश्विक सम्मलेन में एक अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा और इसी के साथ पहली बार कोई भारतीय संस्थान, भारत में 2025 में वर्ल्ड हेल्थ समिट की मेजबानी, में करेगा । समिट के मुख्य संरक्षक जर्मन चांसलर, ओलाफ स्कोल्ज़, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति- इमैनुएल मैक्रॉन, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस हैं ।
वर्ल्ड हेल्थ समिट वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच है। यह दुनिया भर से राजनीति, विज्ञान, निजी क्षेत्र के लोगो को एक साथ लाता है ताकि दुनियाभर में सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य के साथ भविष्य का एजेंडा तय किया जा सके । वर्ल्ड हेल्थ समिट, विश्व में वैश्विक स्वास्थ्य को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में बढ़ावा देता है और संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
अपनी दूरदर्शी सोच, चिकित्सा शिक्षा में बेहतरीन नेतृत्व एवं उम्दा प्रशानिक अनुभव से, प्रो. तोमर, वर्ल्ड हेल्थ समिट संस्थान को सफलता की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए तैयार हैं। निम्स विश्वविद्यालय ने हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऐकडेमिक अलायन्स (जो की अंतरराष्ट्रीय स्वास्थय विश्वविध्यालयो का एक ऐसा समूह हैं को हर वर्ष जर्मनी में “वर्ल्ड हेल्थ समिट” आयोजित करता है) की सदस्यता हसिल की है ।
प्रो. तोमर ने वर्ल्ड हेल्थ समिट रीजनल मीटिंग की 2025 की अंतरराष्ट्रीय मीटिंग के लिए भारत के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त की एवं वर्ल्ड हेल्थ समिट के सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह निर्णय न केवल अत्यंत गर्व का विषय है बल्कि एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। डॉ तोमर ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन पहली बार भारत में होगा एवं विश्वभर से लगभग 3000 से अधिक पालिसी मेकर्स, राजनीतिज्ञ, नौकरशाह एवं पब्लिक हेल्थ से संबंधित वैज्ञानिकों इसमें शिरकत करेंगे । डॉ तोमर ने आगे बताया कि इस समिट के आयोजन से विकसित भारत 2047 के लक्ष्य हो हासिल करने में सहयोग करेगा । प्रो. तोमर ने बताया कि इस समिट में अनेक विषयों जैसे की “ डिजिटल हेल्थ” “आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का हेल्थ साइंस में उपयोग” “क्लाइमेट एंड हेल्थ” “प्लेटनरी हेल्थ” “हेल्थ एंड पीस” “वैक्सीन डिप्लोमेसी” पर चर्चा होगी । यह समिट, G 20 में की गई स्वास्थ्य एवं ग्लोबल हेल्थ डिप्लोमेसी को आगे बढ़ाने में मिल का पत्थर साबित होगी ।
वर्ल्ड हेल्थ समिट का आयोजन इस वर्ष बर्लिन, जर्मनी में 13-15 अक्तूबर तक किया जा रहा हैं, जिसमे 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, इस वर्ष इस समिट में 40 से अधिक देशों के स्वास्थ्य मंत्री शिरकत कर रहे हैं जो विश्व में भरोसे से कैसे स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ाया जा सके, पर चर्चा करेंगे । समिट के पहले दिन उद्घाटन समारोह में डॉ टेड्रॉस ने समिट की थीम के साथ बोलते हुए कहा कि विश्व में शांति ही सबसे बड़ा भरोसा हैं, बिना शांति के भरोसा नहीं जीता जा सकता, डॉ टेड्रॉस ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओ में भी भरोसे का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल हैं, जब तक चिकित्सक पर मरीज़ का भरोसा नहीं होता तब तक मरीज़ की बीमारी सही नहीं होती । डॉ तोमर ने, डॉ टेड्रॉस के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में, डॉ टेड्रॉस को वर्ल्ड हेल्थ समिट रीजनल मीटिंग में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया । डॉ टेड्रॉस ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का कोविड को लेके विश्व भर में किए गए सहयोग के लिए सराहना की, एवं बताया कि उनकी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा रखा गया उनका नाम “तुलसी भाई” उन्हें आज भी याद हैं, और हमेशा याद रहेगा ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुख्य वैज्ञानिक जेरेमी फर्रार ने विश्वास बनाने के लिए लगातार और निरंतर प्रयासों का आह्वान किया, एवं कहा कि “विश्वास भी वर्षों में बनता है और एक पल में खो सकता है । विश्वास के लिये आपको निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए ना कि संकट के समय में ।
वर्ष 2023 में निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान ‘विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन’ की कार्यकारी संस्था – WHS ऐकडेमिक अलायन्स की सदस्य सूची में शामिल हुआ था और यह दुनिया के उन विशिष्ट 31 चिकित्सा केंद्रों और संस्थानों में से एक है, जो ए एलायंस के भीतर सदस्यता रखते हैं। ज्ञात रहे की “इंटर अकैडमी पार्टनरशिप” जो की 100 से अधिक देशो की राष्ट्रीय मेडिसिन अकैडमी का प्रतिनिधित्व करती हैं। WHS ऐकडेमिक अलायन्स, प्रतिष्ठित संस्थानों का एक समूह हैं जो एक थिंक टैंक के रूप में विश्व में स्वास्थ्य और शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए समर्पित है। हर वर्ष यह अलायन्स विश्व स्वास्थय संगठन, जिनेवा एवं अन्य अनेक स्वस्थ्य के प्रति “विश्व स्वास्थय सम्मलेन” जर्मनी में आयोजित करता हैं ।
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