- म्यूजिक फेस्टिवल में भारत का किया प्रतिनिधित्व, विदेशी कलाकारों के साथ मिलाई ताल से ताल
जयपुर, 14 अक्टूबर। स्विट्ज़रलैंड की आबो-हवा के बीच जयपुर बेस्ड इंटरनेशनल तबला वादक और संगीतकार अमृत हुसैन की तिरकिट धिरकिट… का तबले पर ऐसा जादू चला कि नौ देशों के कलाकार भी झूम उठे। हाल ही में म्यूजिक फेस्टिवल ‘रोकोनत्र ओरियो ओकसिदो’ में अमृत हुसैन को भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। फेस्टिवल में भारत के अलावा फ्रांस, अल्जीरिया, मोरक्को, ग्रीस, लिथुआनिया, स्विट्जरलैंड और तुर्की के कलाकारों ने अमृत हुसैन के साथ मिलकर फ्यूजन संगीत का जादू चलाया। अमृत हुसैन तबले ने अपनी अंगुलियों के दम पर तबले पर तिरकिट धिरकिट और बोल-बांट के जरिए विदेशी साजों के साथ अपने संगीत के घराने के सबक को खूबसूरत अंदाज में पेश किया। पिछले कई महीनों से अमृत हुसैन रंग-महल ग्रुप और अमृत हुसैन ब्रदर्स टियो के साथ मिलकर वर्ल्ड टूर पर हैं। अपने यूरोप टूर के दौरान अमृत हुसैन स्विट्रजरलैंड, इटली, टेक्सास, केलिफोर्निया, लॉस एंजलिस, पौलेंड, मोरक्को, कोर्सिका आयरलैंड सहित कई शहरों में राजस्थान का परचम लहरा रहे हैं।
*युवाओं को सीखा रहे तबला वादन की बारीकियां*
अमृत हुसैन विदेशी धरती पर शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी संगीत से जोड़ने की मुहिम भी चला रहे हैं। जिसके तहत वें विदेशी युवाओं को तबला वादन की बारीकियां भी सीखा रहे हैं। वें सिर्फ तबला साधक ही नहीं बल्कि राइटर और म्यूजिक की धुनें तैयार करने में महारथ हासिल रखते हैं। उन्होंने विदेशी मंचों पर अपनी कई कंपोजिशन के जरिए श्रोताओं की वाहवाही लूटी है। साथ ही सोलो म्यूजिक और ग्रुप बैंड में संगीत के जरिए सफलता के झंडे गाड़े हैं। करीब 21 साल पहले जयपुर से शुरू हुआ उनके संगीत का सफर अब तक करीब 100 देशों तक पहुंच चुका है।
*फ्रांस के लुयंस शहर में जारी हुआ उनके नाम का पाेस्ट कार्ड*
अमृत हुसैन को अपनी कला साधना के लिए वैसे तो कई अनगिनत अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2015 में पौलेंड गवर्नमेंट की ओर से पॉलिश फ्रेडरिक ग्रैमी अवॉर्ड और 2018 में मोरक्को सरकार की ओर से यूनेस्को से प्रमाणित अल फारबी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा 2004 के ओलम्पिक गेम्स के दौरान ग्रीस में आयोजित कार्यक्रम में भी परफॉर्म करने का सौभाग्य प्राप्त है। अमृत हुसैन कहते हैं कि मुझे संगीत विरासत में मिला है। हमारे घराने में 7 पीढ़ियों से संगीत की सेवा की जा रही है। हाल ही में फ्रांस के लुयंस शहर में उनके नाम का पाेस्ट कार्ड जारी हुआ है।
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