July 11, 2025

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(FILES)This file photo taken on November 28, 2019, shows the Amazon logo at one of the company's centre in Bretigny-sur-Orge. - US logistics giant Amazon announced on April 27, 2020, that it was extending until May 5, 2020, the suspension of activity at its distribution centres in France, after a court decision requiring it to assess the risks associated with the COVID-19 outbreak, caused by the novel coronavirus. (Photo by Thomas SAMSON / AFP)

अमेज़न इंडिया ने विकलांग महिलाओं को ई-कॉमर्स बाज़ार में पहुंच प्रदान करने के लिए यूथ4जॉब्स के साथ की साझेदारी

जयपुर 12 मार्च 2025 । अमेज़न इंडिया, भारत में विकलांग युवाओं को गरीबी मुक्त जीवन जीने में मदद करने वाले संगठन, यूथ4जॉब्स फाउंडेशन के साथ गठजोड़ कर रही है। इस भागीदारी का उद्देश्य है, विकलांग महिला विक्रेताओं (सेलर) को अमेज़न.इन के ज़रिये अपने व्यवसाय के ऑनलाइन विस्तार में सहायता प्रदान करना। कंपनी अपने अमेज़न सहेली कार्यक्रम के ज़रिये प्रतिभाशाली विकलांग महिलाओं को व्यापक बाज़ार के अवसरों से जोड़ेगी ताकि वे डिजिटल अर्थव्यवस्था में अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।

अमेज़न सहेली कार्यक्रम 2017 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य था भारत में महिला उद्यमियों और महिला-स्वामित्व वाले व्यवसायों द्वारा स्थानीय रूप से बनाए गए उत्पादों के बारे में जागरूकता और पहुंच को बढ़ाना। अमेज़न इस साझेदारी के साथ, इन महिला विक्रेताओं के लिए कार्यशालाएं आयोजित करेगी और उन्हें ऑनबोर्डिंग और खाता प्रबंधन में सहायता प्रदान करेगी। उन्हें डिजिटल मार्केटिंग, परफॉरमेंस मार्केटिंग, उत्पाद लिस्टिंग ऑप्टिमाइज़ेशन और विज्ञापन समाधानों के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि उन्हें एक मज़बूत ऑनलाइन व्यवसाय बनाने में मदद मिल सके। इस महिलाओं को डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि और मीट्रिक तक भी पहुंच मिलेगी, जिससे उन्हें ग्राहकों के व्यवहार और अपेक्षाओं के साथ-साथ बाज़ार से जुड़े प्रमुख रुझानों को समझने में मदद मिलेगी।

अमेज़न इंडिया के बिक्री निदेशक, गौरव भटनागर ने इस भागीदारी पर अपनी टिप्पणी में कहा, “हम भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में महिला उद्यमियों की क्षमता का सम्मान करते हैं। यूथ4जॉब्स के साथ हमारे सहयोग का उद्देश्य है, विकलांग महिलाओं को हमारे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सफल व्यवसाय तैयार करने के लिए उपकरण और अवसर प्रदान कर उनका समर्थन करना। हमारा मानना ​​है कि यह पहल अपेक्षाकृत अधिक समावेशी डिजिटल बाज़ार तैयार करने में योगदान देगी।”

यूथ4जॉब्स की संस्थापक, मीरा शेनॉय ने इस अवसर पर कहा, ” अमेज़न सहेली के साथ हमारी भागीदारी युवाओं, विशेष रूप से विकलांग महिलाओं के लिए उनकी ज़रूरत के अनुरूप आजीविका मुहैया करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्हें ऑनलाइन बाज़ारों और कौशल विकास के अवसरों तक पहुंच प्रदान कर, हमारा लक्ष्य उन्हें न केवल आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि डिजिटल अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता भी बनाना है। हमने ज़मीनी स्तर पर काम करने, स्वयं सहायता समूहों और विकलांग महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कर्नाटक जैसे राज्यों की सरकार के साथ साझेदारी की है। हमें उम्मीद है कि इस सहेली साझेदारी के साथ, हम कमज़ोर वर्ग की इन महिलाओं की मानसिकता संबंधी बाधाओं को दूर करने, उनकी उद्यमशीलता की क्षमता को उजागर करने में मदद कर उनके परिवारों और समुदाय में इन महिलाओं का सशक्त स्थान बना सकेंगे।“

कंपनी अमेज़न सहेली के अंग के रूप में, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और महिला उद्यमियों को आवश्यक माध्यम (टूल) प्रदान करने के लिए भागीदारों के साथ काम करती है, जो उन्हें अपने डिजिटल प्रयासों में सफल होने में मदद करता है। आज, इसके 60 से अधिक भागीदार हैं, जिनकी पहुंच शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की 16 लाख से अधिक महिला उद्यमियों तक है, जिनके पास परिधान, आभूषण, किराने का सामान आदि जैसी दस श्रेणियों में हज़ारों उत्पाद हैं। इस साझेदारी में 80,000 से अधिक महिला कारीगर शामिल हैं और इससे लाभान्वित होती हैं। ये महिला कारीगर इन उत्पादों का उत्पादन और बिक्री कर अपनी आजीविका अर्जित करती हैं।

अमेज़न ने अपने परितंत्र में महिलाओं के लिए कई अवसर प्रदान किए हैं, जिसमें सेलर, ऑपरेशन नेटवर्क पार्टनर (परिचालन नेटवर्क भागीदार), सामुदायिक लाभार्थी, कर्मचारी और सहयोगी शामिल हैं, जो पूरे देश में अमेज़न के विभिन्न किस्म के ग्राहक वर्गों पर सकारात्मक प्रभाव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कंपनी ने संगठन के भीतर और बाहर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई तरह के लाभ की व्यवस्था और कार्यक्रम तथा पहलें शुरू की हैं। ये पहलें महिला सशक्तिकरण के लिए अमेज़न के समर्पण और ई-कॉमर्स इकोसिस्टम में विविधता, समानता और समावेश को बढ़ावा देने के प्रति इसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं।

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