*विदेशी धरती पर भारतीय महापुरुषों को नमन
* जापान की संसदीय व्यवस्थाओं की जानकारी ली
जयपुर, 19 नवम्बर। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को जापान की संसद डाइट का अवलोकन किया। देवनानी ने वहां की संसदीय व्यवस्थाओं की जानकारी ली। देवनानी ने जापान संसद का भवन, सदन, दीर्घाएं, सदन में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था, सदन की कार्य प्रणाली, अपर हाऊस, लोअर हाऊस, हॉ पक्ष व ना पक्ष लॉबी सहित भवन के विभिन्न कक्षों और सदस्यों की ऑन लाईन उपस्थिति का अवलोकन किया। श्री देवनानी ने कहा कि जापान में सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों और वहां की परम्पराओं और रीति-नीति के अनुसार होता है।
देवनानी ने जापान की संसद में निचले सदन जिसे प्रतिनिधि सभा कहते है और उपरी सदन जिसे पार्षदों का सदन कहा जाता है, को देखा। जनता द्वारा सीधे चुने जाने वाले सदन के सदस्यों का यह सदन विद्वसदनीय विधान पालिका है। दोनों सदनों का चुनाव समान्तर मतदान से होता है। कानून बनाने के साथ- साथ प्रधानमंत्री का चुनाव करना भी संसद की जिम्मेदारी है। जापान संविधान के अनुसार संसद को देश की शक्ति का सर्वोच्य अंग माना गया है। सदन का समाहान और प्रतिनिधि सभा का विघटन वहां के समाट द्वारा मंत्रीमण्डल की सलाह पर किया जाता है। देवनानी को संसद के अधिकारियो ने बताया कि ससंद के दोनों सदनों के स्थायी आदेश होते है और उनकी अपने सदस्यों को अनुशासन करने की जिम्मेदारी होती है। दोनों सदनों को मत्रियों को तलब करने का अधिकार भी मिला हुआ है। हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव जापान के राष्ट्रीय सदन का निचला सदन है और हाउस ऑफ काउंसिलर्स का सदन उच्च सदन है।
विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को जापान में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा और महान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस के समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। देवनानी ने कहा कि भारत दुनिया की मजबूत अर्थव्यवस्था बन कर उभर रही है, जो दुनिया को बदलने का आधार बन रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा अतीत में किये गये कार्यों का परिणाम है कि भारत बहुधुवीयता की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रपिता को नमन करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के बिना भारत को स्वतंत्र होने के लिये और लम्बा संघर्ष करना पडता। साथ ही देवनानी ने कहा कि महान क्रांतिकारी रास बिहारी बोस ने देश में ओर देश के बाहर रहकर अंग्रेजी शासन के विरुध क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया। रामायण का जापानी भाषा का अनुवाद करने वाले बोस ने टोक्यो में भारतीयों को संगठित करने का प्रयास किया। उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंन्द फोज में रहकर भारत को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी चार देशों की यात्रा के बाद बुधवार को जयपुर लौटेगे। विधान सभा अध्यक्ष की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की इस अध्ययन यात्रा से विधान सभा को नई गति मिलेगी। देवनानी ने कहा कि प्रत्येक देश और राज्य के विधान मण्डलों में स्थानीय व्यवस्थाओं के मुताबिक सदन संचालन की प्रक्रिया होती है, लेकिन हर विधान मण्डल में नई विशेषताएँ भी देखने को मिली है। यह विशेषताएँ सबंधित विधान मण्डल के नवाचार होते हैं, जो अन्य विधान मण्डलों के लिए मार्ग दर्शक साबित हो सकते है।
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