जयपुर 12 मार्च 2025। विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं देने को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। खफा विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर नोंकझोंक हुई। दरअसल, कांग्रेस विधायक हाकम अली के सवाल के बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली कुछ बोलना चाह रहे थे, जिसे आसन से अनुमति नहीं मिली।
विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि आप चार सवाल पूछ चुके हैं, हर बार खड़े होना सही नहीं है। नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि विधायक का जवाब ही नहीं आया। विधायक ने कार्रवाई के लिए पूछा है, इस पर सदन में हंगामा हो गया। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि इनको केवल बहानेबाजी चाहिए। कांग्रेस अंतर्कलह से जूझ रही है। कहीं से इशारा आता है कि बाहर जाओ, कहीं से इशारा आता है कि अंदर जाओ। मंत्री जवाब दे रहे तो सुनने को तैयार नहीं है। हम नेता प्रतिपक्ष का सम्मान करते हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर व्यवधान करें। सदन में अड़चन पैदा करने के बहाने तलाशते हैं, बिना आधार व तथ्यों के गलत बातें कर बाधा डाल रहे हैं, जो कांग्रेस की संस्कृति रही है।
जल जीवन मिशन में घोटाला:
जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के समय जल जीवन मिशन घोटाला हुआ था। यह ठेकेदारों को लूटना चाहते हैं, लेकिन हम लूटने नहीं देंगे। पिछली सरकार में ठेकेदारों के साथ मिलकर घोटाले किए थे, अब इनके घोटाले उजागर हो रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस विधायक हाकम अली ने कहा कि फतेहपुर में सड़कों की मरम्मत का ठेका का एक फर्म को दिया, उसने काम सबलेट कर दिया, जिसे सबलेट किया, वे कहते हैं कि हमारा काम केवल पानी की लाइन डालना है, सड़कों की मरम्मत करना नहीं, ऐसे में हम किसके पास जाएं। उन्होंने मांग की कि ऐसी फर्म के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, एक साल से ज्यादा हो गया, लेकिन सड़कें मरम्मत नहीं हुई, सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है।
मंत्री का अजीब जवाब:
जलदाय मंत्री चौधरी ने कहा कि “फतेहपुर में एक्सएन है, उसे कहिए, वह भी नहीं मानता है तो सीकर में सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर है, उससे कहो, अगर वह भी नहीं मानता है तो चीफ इंजीनियर से कहो, वह भी नहीं मानता है तो मेरा मोबाइल और व्हाट्सएप 24 घंटे खुला रहता है, मुझे कहिए. मैं आपकी बात सुनूंगा और कार्रवाई करेंगे। “
डिप्टी सीएम व जूली में नोंकझोंक
इससे पहले विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना को लेकर विधायक रफीक खान के सवाल के बीच डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा और नेता प्रतिपक्ष जूली में नोंकझोंक हो गई। जूली ने पूछा कि योजना में समय पर बच्चों को भुगतान नहीं किया, बच्चों को भीख मांगनी पड़ी। डिप्टी सीएम ने कहा कि जो पात्रता रखते हैं, उनका समय पर भुगतान किया है। इससे पहले रफीक खान ने डिप्टी सीएम और उच्च शिक्षा मंत्री बैरवा के जवाब को गलत बताया। रफीक ने कहा कि एक तरफ सरकार कह रही है कि सालाना 300 स्टूडेंट को विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देते हैं। दूसरी तरफ 308 का आंकड़ा दे रहे हैं। यह आठ अतिरिक्त कैसे दिए या आंकड़े पिछले साल और इस साल के मिलाकर हैं। भाजपा की सरकार आई है, तब से छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं दी जा रही।
भूमिगत लाइन करने का मामला
प्रदेश में हाईटेंशन लाइन भूमिगत करने का मामला प्रश्नकाल में उठा। भाजपा विधायक कैलाश वर्मा ने बगरू क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन से हादसों का मामला उठाया। वर्मा ने पूछा कि भूमिगत लाइन डालने का क्या प्रावधान है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के स्तर पर जो लाइन बिछाई जाती है, वह पहले आबादी क्षेत्र में नहीं थी। लगातार विस्तार के कारण उनके नीचे आबादी बस गई, ऐसे में इनको हटाने या भूमिगत करने की स्वीकृति सरकार देती है। निगम 50 प्रतिशत राशि वहन कर सकता है, 50 प्रतिशत राशि आवेदक को खर्च करनी पड़ती है. यह राशि विधायक कोष, सांसद कोष से भी हो सकती है।
विधानसभा स्पीकर देवनानी ने कहा कि यह समस्या पूरे प्रदेश की है. कई कच्ची बस्तियां हैं, जहां हाईटेंशन लाइन जा रही है। कोई धन्ना सेठ तो राशि वहन कर सकता है, लेकिन गरीब राशि वहन नहीं कर सकता है। ऊर्जा विभाग कोई ऐसी योजना बनाएं कि इस परेशानी से लोगों को राहत मिल सके।
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