July 30, 2025

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वेदांता कॉपर इंटरनेशनल ने विज़न 2030 के अनुरूप कॉपर आउटपुट को बढ़ाने के लिए सऊदी अरब के साथ की साझेदारी

मुंबई, 26 नवम्बर, 2024: वेदांता लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व की सब्सिडरी वेदांता कॉपर इंटरनेशनल ने सऊदी अरब गणराज्य के निवेश मंत्रालय तथा उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य विज़न 2030 के अनुरूप गणराज्य की महत्वपूर्ण कॉपर परियोजनाओं में 2 बिलियन डॉलर का निवेश करना है।

इस परियोजना में 400 किलो टन सालाना ग्रीनफील्ड कॉपर स्मेल्टर और रिफाइनरी तथा 300 किलोटन सालाना कॉपर रॉड परियोजना शामिल हैं। ये सभी पहलें सऊदी अरब के महत्वाकांक्षी विज़न 2030 को समर्थन प्रदान करेंगी, जिसके तहत 2030 तक खनिज संसाधनों में अनुमानित 1.3 ट्रिलियन डॉलर का उपयोग करना तथा 2030 तक खनिज सेक्टर के जीडीपी के योगदान को 17 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 64 बिलियन डॉलर पर लाना है। वर्तमान में गणराज्य में कॉपर की मांग तकरीबन 365 किलो टन सालाना है, उम्मीद है कि यह 2035 तक दोगुना हो जाएगी, इस मांग को मुख्य रूप से आयात द्वारा पूरा किया जाता है।

वेदांता की परियेजनाओं- कॉपर स्मेल्टर और रिफाइनरी, आगामी कॉपर रॉड परियोजना की स्थापना गणराज्य में रास अल खैर इंडस्ट्रियल सिटी में की जाएगी। हाल ही में गणराज्य के खनन मंत्रालय एवं राष्ट्रीय ओद्यौगिक विकास केन्द्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत में वेदांता के संचालन का दौरा किया। जिसने आने वाले समय में उच्च स्तरीय चर्चाओं और योजनानुसार प्रगति के लिए ठोस नींव तैयार की।

क्रिस ग्रिफिथ, चीफ़ एक्ज़क्टिव ऑफिसर- बेस मैटल्स, वेदांता लिमिटेड ने कहा, ‘‘विज़न 2030 में योगदान के लिए सऊदी अरब गणराज्य के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। हमारी परियोजना गणराज्य को कॉपर आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी। सऊदी अरब दशकों से तेल अन्वेषण और हाइड्रोकार्बन में लीडर रहा है। अब दूरदृष्टा नेतृत्व में यह खनिजों की क्षमता का लाभ उठाने के लिए तैयार है और चौथी ओद्यौगिक क्रान्ति की ओर अग्रसर है।’

उम्मीद है कि ये परियोजनाएं हज़ारों नौकरियां उत्पन्न करेंगी, सैकड़ों डाउनस्ट्रीम उद्योगों के विकास को बढ़ावा देंगी और देश के जीडीपी में लगभग 19 बिलियन डॉलर का योगदान देंगी। समय के साथ वे गणराज्य को कॉपर आपूर्ति श्रृंखला में आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेंगी।

यह साझेदारी स्थायी विकास और आर्थिक विविधीकरण की दिशा में सऊदी अरब और वेदांता की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो विज़न 2030 के अनुरूप आधुनिक टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए तैयार है।

वेदांता ने गणराज्य में 125 किलो टन सालाना कॉपर रॉड मिल परियेजना के साथ अपना संचालन शुरू करने की योजना बनाई है, जिसक लिए लगभग 30 मिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है। इस परियोजना के लिए सभी ज़रूरी अनुमोदन मिल गए हैं, ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है, टेक्नोलॉजी के ऑर्डर दिए जा चुके हैं, जल्द ही परियोजना की साईट पर काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक कमर्शियल उत्पादन का काम ज़ोरों-शोरों से शुरू हो चुका होगा।

एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में कॉपर की सालाना मांग 2040 तक 40 फीसदी बढ़ जाएगी। परिवहन के स्थायी एवं हरित साधनों, इलेक्ट्रिफिकेशन के चलते इस मांग को गति मिलेगी। ग्लोबल वार्मिंग के लक्ष्यों की बात करें तो पेरिस एग्रीमेन्ट के अनुसार तापमान 1.5 डिग्री से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए, इसके मद्देनज़र 2025-2030 के बीच दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा को समर्थन प्रदान करने के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर सालाना निवेश की आवश्यकता है। 2026 तक दुनिया भर में कॉपर की आपूर्ति 26 मीट्रिक टन पर पहुंच जाएगी, जबकि मांग, आपूर्ति से अधिक बनी रहेगी, अगर नई परियोजनाओं को अंजाम नहीं दिया जाता है।

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